Wednesday, 11 April 2018

जानिये अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं आदि।





जानिये अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं आदि।

अगर आपके मन में भी अपने बच्चे को लेकर ये सब प्रश्न है की उनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा या नहीं, बच्चे किस क्षेत्र में तरक्की करेंगे, उनकी विद्या-बुद्धि कैसी रहेगी, उनका भविष्य कैसा होगा वो कौन से फील्ड में जायँगे आदि बाते तो आज ही अपने बच्चे की रिपोर्ट यहाँ से https://www.foresightindia.com/basichoro/CHILD डाउनलोड करे
संसार की सबसे महत्वपूर्ण घटना जो हमारे जीवन में धटती हैं, वह है हमारे परिवार में बच्चे का जन्म।

हिन्दू संस्कृति में कहा जाता है कि पितृ ऋण से मुक्ति प्राप्त करने के लिये संतान का जन्म होना ही चाहिये।

जब किसी बच्चे का जनम होता है तो उसके माता पिता के मन में बहुत सारे प्र्शन चलते है कि बच्चे के चरण कौन से हैं - चांदी, तांबा, स्वर्ण या फिर लौह के। इसके ग्रह माता-पिता, दादी-दादा या नाना-नानी के लिये कैसे हैं, ये मंगली है या नहीं। इसकी आयु कितनी है। विद्या-बुद्धि कैसी रहेगी या स्वास्थ्य ठीक रहेगा या नहीं। मूलों का जन्म है या नही आदि.

आप अपने बच्चे की जन्मकुंडली से ये सारी बाते और अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं. ये सब कुछ जान सकते है.

आज के प्रतियोगिता के दौर में माता-पिता बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित रहते है।क्यूंकि बच्चे हमारे देश और समाज का भविष्य हैं। इसलिए हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। हमें ये बात हमेशा सताती रहती है कि बच्चे का करियर कैसा होगा। इसी परेशानी कि वजह से माता पिता बच्चों पर अनावश्क दबाव डालते हैं। वो अगर किसी विषय (गणित) में कमजोर है तो उस पर बोझ बढ़ाते रहते हैं।

लेकिन ये सही नहीं है इससे अच्छा यह है की पहले आप यह जान ले की बच्चे कि कुंडली में गणित पढ़ने का योग है भी या नहीं है। उसकी सोचने-समझे कि क्षमता को समझना पहले जरूरी होता है। इसमें उसके ग्रह जिम्मेदार होते हैं। उसके ग्रह ही बताते हैं कि उसकी टैंडेसी क्या है। वो स्पोर्ट्स में अच्छा जा सकता है या चीजें भूल जाता है। याद भी रहता है तो किसी डर के कारण समय पर परफॉर्म नहीं कर पाता है। ये सिर्फ बच्चों में नहीं बड़ों में भी होता है। 

जब कुंडली में राहु और चन्द्रमा कि स्थिति ठीक नहीं होती है तो इस तरह कि समस्याएं आती हैं। इसके लिए कारण जानना सबसे जरूरी होता है।तभी बच्चों के ऊपर अनावश्यक दबाव ना बना कर, पहले उनकी कुंडली देखें और समझे क्या कह रहे हैं ग्रह और फिर चुने उनके करियर कि दिशा...

जैसे की बुध और बृहस्पति का मेल पैसा देता है इसका मतलब अगर आपके बच्चे कि कुंडली में इन दोनों ग्रहों का योग है तो बच्चा फाइनेंस के सेक्टर में जा सकता है। 

अगर यहीं बुध कमजोर है तो बैंकिंग सेक्टर में तो जा सकता है पर हो सकता है कि उसमे एकाउंट्स ना देखो, मार्केटिंग या एडमिनिस्ट्रेशन देखों। 

आपके ग्रह आपको कहां लेकर जाएंगे ये उनपर ही निर्भर करता है। बच्चे के अंदर किस तरह कि प्रवृति है खेलने कि प्रवृति है, झगड़ा करने कि है या सुरक्षा करने कि प्रवृति है। ये सारा खेल उसके ग्रहों का होता है। मजबूत मंगल और बृहस्पति के प्रभाव में बच्चा रक्षक प्रवृति का होगा। अगर मंगल राहू के प्रभाव में होगा या मंगल शनि के प्रभाव में होगा तो बच्चा अपराधी प्रवृति का बनेगा।

इसलिए Foresight ने ख़ास बच्चो के लिए एक मॉडल CHILD (https://www.foresightindia.com/basichoro/CHILD) बनाया है जिसमे हम एक रिपोर्ट बना क्र देते है जिसमे आपके बच्चे के बारे में कई विवरण देती है।जैसे की आपके बच्चे की राशी, नक्षत्र, चरण, शुभ चक्र, लग्न, नवमांश चक्र, निंशोत्तरी दशा, स्टोन रिकमेन्डेशन ,मांगलिक, सादे साती, और उनकी कुंडली का पूर्ण विश्लेसन करके और कारक और मारक योग देते है.

Tuesday, 13 February 2018

Share your Horoscope details

Hello Friends,


In this post we would like to tank you every one for following and liking our post . We have  free horoscope model  where you can submit your horoscope details and we would tell you about for kundali / Horoscope prediction.

Submit your horoscope details  : http://bit.ly/2GuDRV0  and get free horoscope details.


Saturday, 10 February 2018

Get Your Horoscope Year 2018 Predictions Report

अगर आप भी अपने वर्ष भर की घटनाओ और और वर्षभर में 12 ग्रहो की दशा कब कब चलेगी और उन दशाओ पर आपके जीवन में क्या क्या प्रभाव पड़ेगा आदि के बारे में जानना चाहते तो आज ही अपना वर्षफल यहाँ से डाउनलोड करे Foresight System Ltd.
क्यूंकि हर व्यक्ति के जीवन में हर वर्ष 12 ग्रहो की दशा चलती ही है.
किसी जातक का भविष्यफ़ल बताने के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक उसकी जन्मपत्रिका के मुख्य व महत्त्वपूर्ण शुभाशुभ योग, ग्रहस्थिति, विंशोत्तरी दशाएं, योगिनी दशाएं, गोचर, और अन्त में उस जातक का वर्षफ़लवर्ष कुण्डली) होता हैं।
भारतीय वैदिक ज्योतिष में वर्ष कुण्डली बनाई जाती है जो की सूर्य पर आधारित होती है।
जन्म के समय सूर्य जिस राशि में और जिस अंश है होता, गोचर में जब सूर्य उस राशि में उसी डिग्री पर पहुंचता है तो उसी के आधार पर वर्ष कुण्डली बनाई जाती है।
इस वर्षफल में वर्ष भर की भविष्यवाणियां होती हैं।
वर्ष फल(yearly horoscope 2018) के द्वारा हम एक वर्ष में होने वाली घटनाओं जैसे आकस्मिक घटनाओं, स्वास्थ्य रोगादि का विचार, पदोन्नति, स्त्री एवं संतान सुख, परीक्षा में सफलता, व्यापार में उतार-चढ़ाव, विवाह सम्बन्धी या स्थानांतरण का अनुमान लगा सकते हैं।
वर्षफ़ल में नवग्रहों के सामान मुंथा(muntha) की भी स्थापना की जाती है।मुंथा, मुन्थेस ,वर्षेश तथा वर्षलग्नेष को भी वर्षफ़ल में बहुत महत्व दिया गया है.
वर्ष लगन में जिस भाव में मुन्था स्थित होती है उस भाव तथा भाव के स्वामी कि स्थिति को देखा जाता है। बली हैं या निर्बल है।
वर्षफल में मुंथा हर भाव में अलग अलग फल देता है.
जैसे की यदि आपकी वर्ष कुंडली में मुंथा(muntha) 1 भाव में स्थित हो तो उस वर्ष शत्रु का नाश, भाग्य में वृद्धि, सवारी का सुख, यदि चार राशि में हो तो स्थानपरिवर्तन के भी योग बनते हैं।
यदि आपकी वर्ष कुंडली में मुंथा(muntha) 2 भाव में स्थित हो तो कठिन परिश्रम द्वारा धन लाभ एवं धन प्राप्ति के साधन बनते हैं। मनोरंजन एवं सुख साधनों पर व्यय भी बढता है।
वर्षफल में दशा विचार के लिए कुछ सिद्धांतों को समझते हुए वर्षफल कुण्डली को जानने में सहायता मिलती है.
यदि दशा में भाव और ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो तो फल भी अच्छे प्राप्त होते हैं और जातक को जीवन में सुख एवं संतोष की प्राप्ति होती है।
कहते है की हर व्यक्ति के जीवन में हर वर्ष 12 ग्रहो की दशा चलती ही है और उन दशा के अनुसार ही आपके वर्ष भर की भविष्यवाणियां होती हैं।
इसीलिए Foresight ने एक मॉडल वर्षफल बनाया है जिसमे की हम आपको बताते है की -
1- आपकी वर्ष कुंडली(yearly horoscope 2018) में मुंथा दशा किस भाव में स्तिथ है और उस पर आपका क्या प्रभाव पड़ेगा .
2 - आपके वर्षभर(yearly horoscope 2018) में 12 ग्रहो की दशा कब कब चलेगी और उन दशाओ पर आपके जीवन में क्या क्या प्रभाव पड़ेगा.
इन सबकी एक विस्तृत रिपोर्ट बना क्र देंगे। जिससे आप जान सकेंगे की इस वर्ष किस महीने में आपके साथ क्या होने वाला है.
यह आपके प्रत्येक जन्मदिन से परिवर्तित होता है ना कि कैलेण्डर या पंचांग का वर्ष बदलने से।

Tuesday, 6 February 2018

अगर आप भी शिक्षा से सम्बन्धित, व्यवसाय से सम्बन्धित, विवाह से सम्बन्धित, माता पिता एवं संतान से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते है तो आज ही अपनी नवमांस कुंडली

कुंडली के बारे में जानते -पढ़ते -सुनते समय नवमांश कुंडली का जिक्र आप लोगों ने कई बार सुना होगा।

नवमांश = नवम + अंश अर्थात राशि के नवम अंश को नवमांश (D-9) कहते है.

कहने को यह कुंडली का एक छोटा भाग है परन्तु ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है की "नवमांशे कलतराणां दशमांशे महत्फलम " अर्थात नवमांस कुंडली से पति पत्नी का विचार किया जाता है।  नवमांश कुंडली को देखकर जीवनसाथी के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है. 

नवमांश कुंडली से जीवन के लगभग सभी प्रश्नों का उत्तर ज्ञात किया जा सकता है। शिक्षा से सम्बन्धित, व्यवसाय से सम्बन्धित, विवाह से सम्बन्धित, माता पिता एवं संतान से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर आप नवमांश कुण्डली से जान सकते हैं।

फलित ज्योतीष में नवांश कुंडली का बहुत महत्व होता है , इसी के आधार पर जातक का भाग्य नीर्धारीत होता है



ज्योतिष के अध्ययन में लग्न कुंडली के अलावा 15 कुंडलियां सहायक होती हैं. लेकिन बिना नवमांश कुंडली देखे, लग्न कुंडली पर विचार नहीं हो सकता.

सामान्यतः आप सभी को ज्ञात है कि कुंडली में नवें भाव को भाग्य का भाव कहा गया है। यानि आपका भाग्य नवां भाव है। इसी प्रकार भाग्य का भी भाग्य देखा जाता है ,जिसके लिए नवमांश कुंडली की आवश्यकता होती है। जैसे आपके विवाह के लिए , शिक्षा के लिए आदि नवांश कुंडली देखते है. 

नवांश कुण्डली अथवा D-9 कुण्डली अत्यधिक महत्वपूर्ण कुण्डली है वैसे तो इसे जीवनसाथी के लिए देखा जाता है कि वह कैसा होगा और उसके साथ संबंध कैसे रहेगे आदि बातें देखी जाती हैं. लेकिन इस कुण्डली को जीवन के हर क्षेत्र के लिए भी देखा जाता है. जो योग जन्म कुण्डली में बनते हैं उनकी पुष्टि इस कुडली में होती है. 

जन्म कुण्डली शरीर है तो नवांश कुण्दली को आत्मा माना जाता है.यदि बिना नवमांश कुंडली देखे केवल लग्न कुंडली के आधार पर ही फल कथन किया जाए तो फल कथन में त्रुतिया रह सकती है या फल कथन गलत भी हो सकता है।
कहते है की जिस व्यक्ति की जन्म कुन्डली एवं नवांश कुण्डली में एक ही राशि होती है तो उसका वर्गोत्तम नवमांश होता है वह शारीरिक व आत्मिक रूप से स्वस्थ होता है।"
अगर आप भी शिक्षा से सम्बन्धित, व्यवसाय से सम्बन्धित, विवाह से सम्बन्धित, माता पिता एवं संतान से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते है तो आज ही अपनी नवमांस कुंडली यहाँ से डाउनलोड
https://www.foresightindia.com/basichoro/C1 करे 

कुंडली के बारे में जानते -पढ़ते -सुनते समय नवमांश कुंडली का जिक्र आप लोगों ने कई बार सुना होगा।

नवमांश = नवम + अंश अर्थात राशि के नवम अंश को नवमांश (D-9) कहते है.

कहने को यह कुंडली का एक छोटा भाग है परन्तु ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है की "नवमांशे कलतराणां दशमांशे महत्फलम " अर्थात नवमांस कुंडली से पति पत्नी का विचार किया जाता है। नवमांश कुंडली को देखकर जीवनसाथी के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है. 

नवमांश कुंडली से जीवन के लगभग सभी प्रश्नों का उत्तर ज्ञात किया जा सकता है। शिक्षा से सम्बन्धित, व्यवसाय से सम्बन्धित, विवाह से सम्बन्धित, माता पिता एवं संतान से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर आप नवमांश कुण्डली से जान सकते हैं।

फलित ज्योतीष में नवांश कुंडली का बहुत महत्व होता है , इसी के आधार पर जातक का भाग्य नीर्धारीत होता है

ज्योतिष के अध्ययन में लग्न कुंडली के अलावा 15 कुंडलियां सहायक होती हैं. लेकिन बिना नवमांश कुंडली देखे, लग्न कुंडली पर विचार नहीं हो सकता.

सामान्यतः आप सभी को ज्ञात है कि कुंडली में नवें भाव को भाग्य का भाव कहा गया है। यानि आपका भाग्य नवां भाव है। इसी प्रकार भाग्य का भी भाग्य देखा जाता है ,जिसके लिए नवमांश कुंडली की आवश्यकता होती है। जैसे आपके विवाह के लिए , शिक्षा के लिए आदि नवांश कुंडली देखते है. 

नवांश कुण्डली अथवा D-9 कुण्डली अत्यधिक महत्वपूर्ण कुण्डली है वैसे तो इसे जीवनसाथी के लिए देखा जाता है कि वह कैसा होगा और उसके साथ संबंध कैसे रहेगे आदि बातें देखी जाती हैं. लेकिन इस कुण्डली को जीवन के हर क्षेत्र के लिए भी देखा जाता है. जो योग जन्म कुण्डली में बनते हैं उनकी पुष्टि इस कुडली में होती है. 

जन्म कुण्डली शरीर है तो नवांश कुण्दली को आत्मा माना जाता है.यदि बिना नवमांश कुंडली देखे केवल लग्न कुंडली के आधार पर ही फल कथन किया जाए तो फल कथन में त्रुतिया रह सकती है या फल कथन गलत भी हो सकता है।
कहते है की जिस व्यक्ति की जन्म कुन्डली एवं नवांश कुण्डली में एक ही राशि होती है तो उसका वर्गोत्तम नवमांश होता है वह शारीरिक व आत्मिक रूप से स्वस्थ होता है।

Monday, 5 February 2018

Job Bhava , Marriage house in kundali,Promotion , Raaj yog in horoscope.

An individual’s horoscope is divided into 12 Bhavas or houses. Based on the way the planets and rashis are placed from lagna point of view, a person’s  birth chart is analyzed which helps us understand the various aspects and events of one’s life.


  1. Lagnasthan, Tanur Bhava (Sun)- It literally translates to "the house of the body". It signifies the birth, beginning of life, personality, personal features, looks, body, character and temperament, individuality, self consciousness and constitution in general. This is one of the most important and auspicious house in the horoscope. In the physical body, this bhava governs the head which includes the brain and face.
  2. Dhanasthan, Dhana Bhava (Jupiter, Mercury)- This house signifies the wealth and prosperity of a person. This bhava shows what a person acquires by individual effort and the degree of prosperity which he will enjoy with all the possessions of extrinsic value bonds, stocks, cash and bank balance etc. In the physical body, this bhava governs the face, mouth, throat, neck, thyroid gland, right eye, teeth, tongue, nose and nails.
  3. Parakramsthan, Bhatru Bhava (Mars, Mercury)- This house represents a person’s younger siblings, all cousins, subordinates and even neighbours. It indicates the property of mind, its strength and weakness, thought power, mental interest and inclination, courage and valor.The parts of the body ruled by the third house are right ear, hands, arms and fingers, shoulder blade and collarbone.
  4. Sukhasthan, Matru Bhava (Moon) - This house represents mother, one’s roots, residence, domestic affairs, acquiring of tangible assets and property like land, building, mines, farms and vehicles, happiness, learning and general condition of a person in the later part of his life. Possessions such as fields, farms, mines, real estate, gardens, buildings, dwellings, antiquities, vehicles are influenced by this house. The fourth house may be taken to indicate school and college education of a person. The parts of the body ruled by the fourth house are chest, breasts and lungs.
  5. Putrasthan, Putra Bhava (Jupiter)- This house rules a person's creativity, children, poorva punya or virtuous act done in past lives, romance, love affairs, hobbies, games and sports. This is the house of creativity and includes everything one creates including progeny. It also denotes whether one will have children or not. The part of the body ruled by the fifth house is the heart, upper and middle part of the spinal cord.
  6. Shatru sthana, Shatru Bhava (Mars, Saturn)- This house governs a person's health and sickness, diet, debt, labor, service, work, daily routine, enemies, oppositions, maternal uncles and aunts, sin, wicked act and fear. This house also represents the quality of one’s work or job they perform. And also a person’s capacity to overcome obstacles. The parts of the body governed by the sixth house are the kidneys, pancreas, stomach and digestion process.
  7. Bharyasthan, Kalatra Bhava (Venus, Jupiter)- This house rules one's relationships and partnerships, marriage, wife or husband, legal bondage, lawsuits, divorce, agreements, contracts etc. Besides the life partner, the partner in business and the degree of success achieved through such partnership is also shown by this house. It is said this house indicates all those with whom the native transacts or deals in any manner. The parts of the body ruled by the seventh house are reproduction and genital organs.
  8. Mrutyusthan, Ayur Bhava (Saturn)- This house governs a person's longevity, defeat, insult, sorrow, scandal, obstacles, impediment, transformation, regeneration, sexuality, unearned money, hidden matters and also conveys the type of death. This house determines the ultimate meaning of one’s life. The parts of the body ruled by the eighth house are the reproductive system, prostate gland and the colon.
  9. Bhagyasthan, Bhagya Bhava (Jupiter)- This is the house of dharma, righteousness, moral ethics, grandchildren, successful long travels, wisdom, higher knowledge, religious and philosophical beliefs, spiritual initiation and inclination. This is considered the house of good luck and prosperity. The parts of the body ruled by the ninth house are the thighs and hip.
  10. Pitrusthan, Karma Bhava (Mercury, Jupiter, Sun)- This house represents our actions and the main purpose of our life. It indicates one’s public status, popularity, honor, community power, prestige, reputation, and professional career. The parts of the body ruled by the tenth house are the gallbladder and the knees.
  11. Labhasthan, Labha Bhava (Jupiter)- This is house is otherwise called as the house of gain. It is related to the aspirations, desires, abundance, money, income and acquisitions. It is also related to friends, and one’s attitude towards society. The parts of the body ruled by the eleventh house are calves and ankles.
  12. Vyayasthan, Vyaya Bhava (Saturn, Ketu)This house rules a person's bondage, confinement, expenses, loss, poverty, misery, detachment, surrender and renouncing. This house shows final liberation from the chain of births and deaths and one’s merger with the divine and the future state of his existence. The parts of the body ruled by the twelfth house are the feet.

The grouping of the twelve bhavas as KENDRAS,CADENTS and SUCCEDENTS is most important.
1st,4th,7th & 10th houses are called Kendras
2nd,5th,8th & 11th are called Cadents and
3rd,6th,9th & 12th are Succedents.

Saturday, 3 February 2018

Horoscope bhava / Houses details in vedic astrology

An individual’s horoscope is divided into 12 Bhavas or houses. Based on the way the planets and rashis are placed from lagna point of view, a person’s  birth chart is analyzed which helps us understand the various aspects and events of one’s life.



  1. Lagnasthan, Tanur Bhava (Sun)- It literally translates to "the house of the body". It signifies the birth, beginning of life, personality, personal features, looks, body, character and temperament, individuality, self consciousness and constitution in general. This is one of the most important and auspicious house in the horoscope. In the physical body, this bhava governs the head which includes the brain and face.
  2. Dhanasthan, Dhana Bhava (Jupiter, Mercury)- This house signifies the wealth and prosperity of a person. This bhava shows what a person acquires by individual effort and the degree of prosperity which he will enjoy with all the possessions of extrinsic value bonds, stocks, cash and bank balance etc. In the physical body, this bhava governs the face, mouth, throat, neck, thyroid gland, right eye, teeth, tongue, nose and nails.
  3. Parakramsthan, Bhatru Bhava (Mars, Mercury)- This house represents a person’s younger siblings, all cousins, subordinates and even neighbours. It indicates the property of mind, its strength and weakness, thought power, mental interest and inclination, courage and valor.The parts of the body ruled by the third house are right ear, hands, arms and fingers, shoulder blade and collarbone.
  4. Sukhasthan, Matru Bhava (Moon) - This house represents mother, one’s roots, residence, domestic affairs, acquiring of tangible assets and property like land, building, mines, farms and vehicles, happiness, learning and general condition of a person in the later part of his life. Possessions such as fields, farms, mines, real estate, gardens, buildings, dwellings, antiquities, vehicles are influenced by this house. The fourth house may be taken to indicate school and college education of a person. The parts of the body ruled by the fourth house are chest, breasts and lungs.
  5. Putrasthan, Putra Bhava (Jupiter)- This house rules a person's creativity, children, poorva punya or virtuous act done in past lives, romance, love affairs, hobbies, games and sports. This is the house of creativity and includes everything one creates including progeny. It also denotes whether one will have children or not. The part of the body ruled by the fifth house is the heart, upper and middle part of the spinal cord.
  6. Shatru sthana, Shatru Bhava (Mars, Saturn)- This house governs a person's health and sickness, diet, debt, labor, service, work, daily routine, enemies, oppositions, maternal uncles and aunts, sin, wicked act and fear. This house also represents the quality of one’s work or job they perform. And also a person’s capacity to overcome obstacles. The parts of the body governed by the sixth house are the kidneys, pancreas, stomach and digestion process.
  7. Bharyasthan, Kalatra Bhava (Venus, Jupiter)- This house rules one's relationships and partnerships, marriage, wife or husband, legal bondage, lawsuits, divorce, agreements, contracts etc. Besides the life partner, the partner in business and the degree of success achieved through such partnership is also shown by this house. It is said this house indicates all those with whom the native transacts or deals in any manner. The parts of the body ruled by the seventh house are reproduction and genital organs.
  8. Mrutyusthan, Ayur Bhava (Saturn)- This house governs a person's longevity, defeat, insult, sorrow, scandal, obstacles, impediment, transformation, regeneration, sexuality, unearned money, hidden matters and also conveys the type of death. This house determines the ultimate meaning of one’s life. The parts of the body ruled by the eighth house are the reproductive system, prostate gland and the colon.
  9. Bhagyasthan, Bhagya Bhava (Jupiter)- This is the house of dharma, righteousness, moral ethics, grandchildren, successful long travels, wisdom, higher knowledge, religious and philosophical beliefs, spiritual initiation and inclination. This is considered the house of good luck and prosperity. The parts of the body ruled by the ninth house are the thighs and hip.
  10. Pitrusthan, Karma Bhava (Mercury, Jupiter, Sun)- This house represents our actions and the main purpose of our life. It indicates one’s public status, popularity, honor, community power, prestige, reputation, and professional career. The parts of the body ruled by the tenth house are the gallbladder and the knees.
  11. Labhasthan, Labha Bhava (Jupiter)- This is house is otherwise called as the house of gain. It is related to the aspirations, desires, abundance, money, income and acquisitions. It is also related to friends, and one’s attitude towards society. The parts of the body ruled by the eleventh house are calves and ankles.
  12. Vyayasthan, Vyaya Bhava (Saturn, Ketu)This house rules a person's bondage, confinement, expenses, loss, poverty, misery, detachment, surrender and renouncing. This house shows final liberation from the chain of births and deaths and one’s merger with the divine and the future state of his existence. The parts of the body ruled by the twelfth house are the feet.

The grouping of the twelve bhavas as KENDRAS,CADENTS and SUCCEDENTS is most important.
1st,4th,7th & 10th houses are called Kendras
2nd,5th,8th & 11th are called Cadents and
3rd,6th,9th & 12th are Succedents.

Thursday, 1 February 2018

In Vedic astrology, Horoscope matching, Gun Millan, manglik dosh of prospective bride and groom is considered very important.

The compatibility rate is particularly more important in case of young couples, where the lack of experience, emotional maturity and discrimination could lead to mistakes in important decisions.
For ages, the Vedic astrologers have guided people in selecting the right partner. Some call it marriage matching, some call it "horoscope matching" , guna Milap, Koota matching (astha Koota matching in North India .Two birth charts are matched to check the level of compatibility between the boy and the girl. The compatibility of the planets in the charts is one of the main keys to a lasting and happy marriage. Astrological matching is one of the reasons why the Indian marriages last longer as compared to the western marriages.


By doing a detailed matching of the boy and girl and also by studying and matching the lagna, rasi, Navamsa charts, " Manglik Dosh", we will advise you regarding the compatibility whether the match is suitable or not plus the suggested remedies.
Apart from this compatibility, the placement of Mars in both the horoscopes is also considered. This is done for checking Mars or Kuja dosha. It occurs when Mars is placed in the 1st, 4th, 7th, 8th or 12th house of the horoscope. This is a very misunderstood concept because this placement of Mars will be found in about 40% of total population. The truth behind this is most of the time this Mars or Kuja dosha gets cancelled due to favourable sign placement of Mars or due to beneficial aspect it receives. If it does not get cancelled then major problem arises in married life.

For more detail visit  : Kundali Match Making

जानिये अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं आदि।

जानिये अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं आदि। अगर आपके मन में भी अपने बच्चे को लेकर ये स...