Saturday, 30 December 2017

Why kundli matcing is important


Match making i.e kundli matching in vedic astrology is consider very important before planning for marriage.Horoscope matching is the analysis of both boy and girl’s natal/ birth chart.There are 36 different gunas .For a couple to go ahead with their marriage plan, they need 18 gunas during their horoscope matching.

Kundli matching helps in getting an insight of the marriage’s longevity, mental consistency, any manglik dosh, the durability of marriage, tendencies contrary to each other, children, general health, sexual health and contentment during the wedding. It also details physical, emotional and spiritual compatibility of the couple. These factors decide the stability , longevity of the relationship.










The most important aspect of Kundali matching is the managlik dosh, i.e. Mars taken into consideration. Mars is an important planet for the success of marriage and good health in both the Kundli.
https://www.foresightindia.com/basichoro/M2 

Tuesday, 19 December 2017

KNOW YOUR MANGAL DOSHA

                   आपकी कुंडली में मंगलदोष है या नहीं और है तो उसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा

कुंडली में कई प्रकार के दोष बताये गए है इन्ही दोषो में एक दोष होता है मांगलिक दोष जिसे मंगल दोष कुज दोष, भौम दोष भी कहते है।
ये दोष तब होता है जब कुण्डली में लग्न, चैथे, सातवें, आठवें या 12वें स्थान में मंगल बैठा हो। कुण्डली के इन पाॅच भावों में मंगल के बैठने पर ही मंगलिक दोष होता है।
इनके आलावा सभी भावो में भी मंगल अलग तरीके से अच्छे बुरे प्रभाव दे सकता है परन्तु उसे मांगलिक दोष नहीं कहेगे .
मांगलिक शब्द आधुनिक जीवन मे एक ऐसा शब्द बन गया है कि लोग इसका नाम सुनकर ही एक बार तो भय खा जाते है।
जिन लोगो की कुंडली में मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं।इसमें कन्या अपने पति के लिए तथा पति कन्या के लिए घातक होता है।ऐसा इसलिये क्‍योंकि मंगल ग्रह को अकेले रहना पसंद है और इस प्रकार अगर कोई अन्‍य ग्रह उसके समीप आता है तो वह उससे झगड़ा कर लेता है। इसी प्रकार मांगलिक व्‍यक्‍ति लंबे समय के लिए अपने साथी को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
कुण्डली मे लग्न, चैथे, सातवें, आठवें या 12वें स्थान में मंगल होने पर क्या प्रभाव पड़ता है.
जैसे की
अगर आपकी कुंडली के लग्न में मंगल हो तो स्वास्थ्य पर दुषप्रभाव पड़ता हैं, व्यक्ति स्वभाव से उग्र एवं जिद्दी होता है।
चौथे स्थान में मंगल होने पर जीवन में भोगोपभोग की समाग्री की कमी रहती है।
सातवें स्थान में स्थिति मंगल दाम्पत्य सुख (रति सुख) की हानि तथा पत्नी के स्वास्थ्य को भी हानि पहुँचाता है।
आठवें स्थान में मंगल कभी-कभी दम्पति मे से किसी एक की मृत्यु भी करा सकता है।
12वें स्थान में स्थित मंगल व्यकित के क्रय शक्ति (व्यय) को प्रभावित करने के साथ सप्तम स्थान पर अपनी दृष्टि के द्वारा साक्षात दामपत्य सुख को प्रभावित करता है।
कुंडली में मांगलिक दोष होने पर मंगल के प्रभाव से आपके जीवन में ये इफ़ेक्ट पड़ता है. जैसे की 
मांगलिक दोष विवाह में रोड़ा पैदा कर सकता है जैसे की शादी तय न होना।
रिश्ता तय होने के बावजूद टूट जाना.
Overage लंबी आयु के पश्चात् भी Marriage नहीं होना.शादी के बाद पति पत्नी में लगातार तकरार रहना.
गृहस्त का सुख न मिलना.
पति पत्नी में बढ़ते वैर की वजह से फिर तलाक का ख़तरा
धन की कमी, Business में loss, accidents आदि होना।



कुंडली में मंगल दोष अधिकतर 75 % लोगो की कुंडली में होता हैं पर 50% लोगो का दोष किसी न किसी वजह से खतम हो जाता है
जैसे की
अगर आपके जन्मकुण्डली में मंगल प्रथम भाव (लग्न) में मेष राशि का हो, चतुर्थ भाव में वृश्चिक राशि का हो, सप्तम भाव में मीन राशि का हो, अष्टम भाव में कुम्भ को हो तथा द्वादश भाव में धनु राशिका हो तो मांगलिक दोष नहीं लगता है।
See Translation

Saturday, 16 December 2017

KNOW YOUR MAHA-DASA



महादशा शब्द का अर्थ है वह विशेष समय जिसमें कोई ग्रह अपनी प्रबलतम अवस्था में होता है और कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ फल देता है।
दशा और महादशा आपके जन्म के समय से निर्धारित की जाती है, ज्यादातर लोग दशा और महादशा को एक ऐसा समय मानते हैं जिसमे उनको कोई दुःख या हानि की प्राप्ति होती है .
लेकिन ऐसा नहीं है,कहते है की जब भी किसी गृह की महादशा चलती है तो जीवन एक नया मोड़ लेती है।
जैसे की कुछ लोगों की शादी महादशा शुरू होने पर होती है | कुछ लोगों के बच्चे महादशा के शुरुआत में होते हैं | कुछ लोगों की नौकरी लगती है या तरक्की नई महादशा में होती है | कुछ लोग विदेश नई महादशा में जाते हैं | कुछ लोग विदेश से वापिस आते हैं | कुछ लोगों का नाम होता है कुछ लोग बदनाम भी होते हैं |
इस तरह महादशा में जो भी होता है वह महत्वपूर्ण होता है |
आज हम बात कर रहे है शनि की महादशा की-
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की महादशा और अन्तर्दशा चल रही हो तो उसे क्या लाभ होगा और क्या हानि होगी ।
शनि की महादशा19 साल तक चलती है।शनि अपनी महादशा व अंतर्दशा आदि से व्यक्ति का जीवन झंझोड़ देता है।
जब किसी पर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती, ढैया या गोचर दशा चलती है, तो उसे घोर कष्ट पहुंचता है। इसलिए इसे क्रूर कहा जाता है.
शनि की महादशा कई बार जातक के लिए शुभ और फलदायी साबित भी होती है .ज्यातिष शास्त्र में शनि को शनैश्चर कहा गया है। यह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है।
अगर यह शुभ है तो वह जीवन में शुभ फल, लाभ, स्थिरता, आध्यात्मिक प्रगति भी देता है। वह मोक्षकारक भी है।
और अशुभ शनि के प्रभाव से आर्थिक हानि, संतान कष्ट, दाम्पत्य जीवन में कष्ट, पारिवारिक परेशानी, भटकाव, मकान का बनते समय अधूरा रह जाना, बाल झड़ना, आग लगना, आकस्मिक विपत्तियांे आदि का सामना करना पड़ता है.
शनि की महादशा में व्यक्ति की नौकरी व व्यवसाय में बाधा, संतान कष्ट, दाम्पत्य जीवन में कष्ट, परीक्षाओं में असफलता प्राप्त होना, पारिवारिक परेशानी, मकान का बनते समय अधूरा रह जाना, अचानक धन का अधिक खर्च होना या धन रूक-रूक कर प्राप्त होना, बिना सोचे समझे कार्य करना, बनते कार्यो में रूकावट होनाा ये सब समस्यायें आती है।
यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा में शनि की अंतदंशा हो तो यह अशुभ परिणाम देने वाली मानी जाती है । इसके कारण धनहानि, पदावनति, राजदंड एवं अपयश आदि की संभावना रहती है । स्वास्थ्य खराब, घर में कलह, पत्नी से अनबन तथा प्रियजन आदि का वियोग संभव है । किन्तु उच्च या स्वगृही शनि होने पर मुकदमे र्म विजय, सम्मान-प्राप्ति तथा विदेश यात्रा के अवसर प्राप्त होते हैं ।
Foresight महादशा की एक स्पेशल रिपोर्ट बनाता है जिसमे की आपको ये बताया जायेगा की आपकी कौन कौन सी महादशा चल रही है या आगे चलेगी और उन ग्रहों की दशाओं के परिणामस्वरुप आपके स्वास्थ्य, संबंध और आर्थिक स्थिति आदि पर पड़ने वाले प्रभाव।इसलिए अपनीरिपोर्ट बनवाइए और देखिये की आपकी कौन सी महादशा चल रही है और अगली महादशा कब है |


Thursday, 14 December 2017

Know Your Lucky Stone

आपका लक्की stone क्या है, कौन सा stone पहनने से आप को लाभ मिलेंगे | आपने सुना होगा कि हर रत्न कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य दिखाता है. हर मनुष्य की जन्मपत्री मे कोंई न कोई ग्रह शुभ और अशुभ होते है औंर जिसके कारण ही उनके भाग्य में परिवर्तन आता रहता है।अशुभ ग्रहों को शुभ बनाना या शुभ ग्रहों को और अधिक शुभ बनाने की मनुष्य की सर्वदा चेष्टा रही है। इसके लिए मनुष्य अनेक उपाय करते हैं, जैसे मंत्र जाप, दान, औषधि स्नान, रत्न धारण, धातु एवं यंत्र धारण, देव दर्शन आदि। मनुष्य के लिए रत्न को धारण करना एक महत्वपूर्ण एवं असरदार उपाय है। ज्योतिषाचार्य तो यहां तक दावा करते हैं कि रत्‍न धारण करने से जिंदगी ही बदल जाती है। लेकिन कौन सा रत्न कब पहना जाए किस धातु में कौन सी ऊँगली में कैसे धारण करें ये जानना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे रत्न का प्रभाव दुगुना या न्यून हो सकता है | इसके लिए कुंडली का निरीक्षण जरूरी होता है। क्यूंकि कुंडली के द्वारा हमें पता चलता है की हमें कौन सा रत्न पहनना चाहिए और कौन सा रत्न नहीं पहनना चाहिए. रत्न सबके लिए एक समान नहीं होते. यूँ ही रत्न पहन लेना नुकसानदायक हो सकता है। सभी रत्न नौ ग्रहों के अंतर्गत आते हैं | सूर्य चन्द्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि राहू केतु यह सब ग्रह जन्मकुंडली के अनुसार व्यक्ति को शुभाशुभ फल प्रदान करते हैं | आज कल ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए रत्न पहनने का प्रचलन बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है! क्योकि जो लोग इन रत्नों को धारण कर रहे है उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में लाभ मिल रहा है चाहे व्यवसाय, पढाई या तरक्की क्यों न हो सभी क्षेत्रो में रत्न का विशेष महेत्व है! बड़े-बड़े उद्योग पति से लेकर फ़िल्मी क्षेत्र की जानी मानी हस्तियों द्वारा इन्हें धारण कर लाभ उठाया जा रहा है इसीलिए Foresight ने एक स्टोन मॉडल बनाया है जिसमे आपको एक रिपोर्ट में आपके लिए कौन सा रतन लकी है, आपको किस दिन किस ऊँगली में किस धातु के साथ कैसे पहनना है और आपको आपकी शनि की साढ़े साती की दशा और कारक और मारक योग सब कुछ उस रिपोर्ट में हम देते है. see more- www.foresightindia.com

Online Astrology- Kundli making Prediction Report

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जानिये अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं आदि।

जानिये अपने बच्चे का भविष्य और आपके बच्चे के लिए किस क्षेत्र में तरक्की के अवसर हैं आदि। अगर आपके मन में भी अपने बच्चे को लेकर ये स...