महादशा शब्द का अर्थ है वह विशेष समय जिसमें कोई ग्रह अपनी प्रबलतम अवस्था में होता है और कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ फल देता है।
दशा और महादशा आपके जन्म के समय से निर्धारित की जाती है, ज्यादातर लोग दशा और महादशा को एक ऐसा समय मानते हैं जिसमे उनको कोई दुःख या हानि की प्राप्ति होती है .
लेकिन ऐसा नहीं है,कहते है की जब भी किसी गृह की महादशा चलती है तो जीवन एक नया मोड़ लेती है।
लेकिन ऐसा नहीं है,कहते है की जब भी किसी गृह की महादशा चलती है तो जीवन एक नया मोड़ लेती है।
जैसे की कुछ लोगों की शादी महादशा शुरू होने पर होती है | कुछ लोगों के बच्चे महादशा के शुरुआत में होते हैं | कुछ लोगों की नौकरी लगती है या तरक्की नई महादशा में होती है | कुछ लोग विदेश नई महादशा में जाते हैं | कुछ लोग विदेश से वापिस आते हैं | कुछ लोगों का नाम होता है कुछ लोग बदनाम भी होते हैं |
इस तरह महादशा में जो भी होता है वह महत्वपूर्ण होता है |
इस तरह महादशा में जो भी होता है वह महत्वपूर्ण होता है |
आज हम बात कर रहे है शनि की महादशा की-
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की महादशा और अन्तर्दशा चल रही हो तो उसे क्या लाभ होगा और क्या हानि होगी ।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की महादशा और अन्तर्दशा चल रही हो तो उसे क्या लाभ होगा और क्या हानि होगी ।
शनि की महादशा19 साल तक चलती है।शनि अपनी महादशा व अंतर्दशा आदि से व्यक्ति का जीवन झंझोड़ देता है।
जब किसी पर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती, ढैया या गोचर दशा चलती है, तो उसे घोर कष्ट पहुंचता है। इसलिए इसे क्रूर कहा जाता है.
शनि की महादशा कई बार जातक के लिए शुभ और फलदायी साबित भी होती है .ज्यातिष शास्त्र में शनि को शनैश्चर कहा गया है। यह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है।
अगर यह शुभ है तो वह जीवन में शुभ फल, लाभ, स्थिरता, आध्यात्मिक प्रगति भी देता है। वह मोक्षकारक भी है।
और अशुभ शनि के प्रभाव से आर्थिक हानि, संतान कष्ट, दाम्पत्य जीवन में कष्ट, पारिवारिक परेशानी, भटकाव, मकान का बनते समय अधूरा रह जाना, बाल झड़ना, आग लगना, आकस्मिक विपत्तियांे आदि का सामना करना पड़ता है.
जब किसी पर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती, ढैया या गोचर दशा चलती है, तो उसे घोर कष्ट पहुंचता है। इसलिए इसे क्रूर कहा जाता है.
शनि की महादशा कई बार जातक के लिए शुभ और फलदायी साबित भी होती है .ज्यातिष शास्त्र में शनि को शनैश्चर कहा गया है। यह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है।
अगर यह शुभ है तो वह जीवन में शुभ फल, लाभ, स्थिरता, आध्यात्मिक प्रगति भी देता है। वह मोक्षकारक भी है।
और अशुभ शनि के प्रभाव से आर्थिक हानि, संतान कष्ट, दाम्पत्य जीवन में कष्ट, पारिवारिक परेशानी, भटकाव, मकान का बनते समय अधूरा रह जाना, बाल झड़ना, आग लगना, आकस्मिक विपत्तियांे आदि का सामना करना पड़ता है.
शनि की महादशा में व्यक्ति की नौकरी व व्यवसाय में बाधा, संतान कष्ट, दाम्पत्य जीवन में कष्ट, परीक्षाओं में असफलता प्राप्त होना, पारिवारिक परेशानी, मकान का बनते समय अधूरा रह जाना, अचानक धन का अधिक खर्च होना या धन रूक-रूक कर प्राप्त होना, बिना सोचे समझे कार्य करना, बनते कार्यो में रूकावट होनाा ये सब समस्यायें आती है।
यदि आपकी कुंडली में शनि की महादशा में शनि की अंतदंशा हो तो यह अशुभ परिणाम देने वाली मानी जाती है । इसके कारण धनहानि, पदावनति, राजदंड एवं अपयश आदि की संभावना रहती है । स्वास्थ्य खराब, घर में कलह, पत्नी से अनबन तथा प्रियजन आदि का वियोग संभव है । किन्तु उच्च या स्वगृही शनि होने पर मुकदमे र्म विजय, सम्मान-प्राप्ति तथा विदेश यात्रा के अवसर प्राप्त होते हैं ।
Foresight महादशा की एक स्पेशल रिपोर्ट बनाता है जिसमे की आपको ये बताया जायेगा की आपकी कौन कौन सी महादशा चल रही है या आगे चलेगी और उन ग्रहों की दशाओं के परिणामस्वरुप आपके स्वास्थ्य, संबंध और आर्थिक स्थिति आदि पर पड़ने वाले प्रभाव।इसलिए अपनीरिपोर्ट बनवाइए और देखिये की आपकी कौन सी महादशा चल रही है और अगली महादशा कब है |
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